आप ध्यान साधना के लिये क्या क्या करते है।
जैसे ही मैं आपसे कहूंगा कि मैं आपको ध्यान कराऊंगा तो आप सभी के मन में अनेक ख्याल आने शुरू हो जाएंगे। यहां थोड़ा रुके और विचार करें कि आप ध्यान कैसे कर सकते हैं। अनेको जवाब मिलेंगे जैसे मन को एकाग्र करेंगे, मन को रोकने की कोशिश करेंगे, हम श्वास को देखेंगे, श्वास के साथ अंदर की यात्रा करेंगे, अर्थात श्वास कहां से कहां तक जाता हैं और फिर वापस आता हैं। आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाएंगे या त्राटक किसी बिंदु, मोमबत्ती, चांद, तारे, सूरज, दीए कि लो आदि को एक टक देखेंगे। हम अपने अंदर अध्यात्मिक चक्र पर ध्यान या एकाग्र होने की कोशिश करेंगे। या योगनिद्वा करेगे, हम अपने शरीर के सभी अंगो को शांत होने का आदेश देंगे, हम अपनी सभी इंद्रियों का दमन करके बस में करेंगे। आज्ञा चक्र में ज्योति को देखने की कोशिश करेंगे। किसी मूर्ति या तस्वीर या गुरु की तस्वीर आदि को देखने का प्रयास करेंगे। सांसों के साथ मन को शरीर के अंगो पर या चक्रो पर ले जायेगें। किसी धुन को सुनने की कोशिश करना, ब्रह्मनाद को सुनना, किसी मंत्र को सुनना, प्रार्थना करना या किसी मंत्र की माला फेरना, शांत जगह पर आंखें बंद करके बैठना, मन को रोकने की कोशिश करना, अंतर्दर्शन की कोशिश करना, किसी मंदिर में जाकर बैठना, पहाड़ों पर जाकर तप करना या शरीर को कष्ट देना। सब कुछ परमात्मा को सर्मपण कर देना। किसी देवी देवता या ईष्ट की भक्ति करना, मौन रहना अर्थात कुछ नहीं बोलना आदि-आदि अभी और भी हजारो विधियां इस संसार में प्रसिद्ध है
No comments:
Post a Comment