Wednesday 10 August 2016

एक ध्यान प्रयोग

एक ध्यान प्रयोग
आराम से सुखासन में बैठ जाएँ | रीढ़ की हड्डी सीधी तनी हुई नहीं | आँखें बंद कर लें |
कल्पना करें कि आप हिमालय में हैं | चारो तरफ बर्फ के पर्वत | कल कल करती हुई गंगा बह रही है | ऐसा मानस पटल पर कल्पना में देखें | ( दो मिनट तक )चारो तरफ पर्वतों से घिरी हुई बीच में घाटियों के मध्य गंगा बह रही है कल्पना करें | ( दो मिनट तक ) गंगा को थोडा नजदीक से देखें | ( दो मिनट तक )
अपने आप को बहती हुई गंगा के बीच उपर में ( करीब दस फुट उपर ) शून्य में आसन लगाए हुए देखें | ( दो मिनट तक ) गंगा के उपर जहाँ आप आसन लगा कर बैठे हुए हैं वहां से चारो तरफ पर्वतों की सुन्दरता को निहारें कल्पना में ( पांच मिनट तक ) इन सबके उपरान्त मन हीं मन ॐ का मानसिक जाप करें |
जब तक ईच्छा हो इस ध्यान में बने रहें | ध्यान का एक उदेश्य आनन्द की प्राप्ति भी है इस ध्यान को करने के बाद आप तरो ताज़ा मह्शूश करेंगे और मन में आनन्द भी बना रहेगा |

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